बॉलीवुड को अपने शब्दों की गुलसितां को गुलजार करने वाले शख्स

इनकी कलम से लिखे गए शब्दों की गंभीरता और खूबसूरती ने ऐसे बॉलीवुड को गुलज़ार किया

गुलज़ार साहब ने बॉलीवुड में अपना पहला गीत 1963  में आई फिल्म बंदिनी के लिए लिखा…

गाना किसी भी जेनरेशन का हो… गुलज़ार को सबसे खूबसूरत शब्द मिल ही जाते और यही वजह है कि उनकी झोली में अवार्ड्स ॉ गिरते चले गए।

गुलजार ने ना केवल गीत लिखे बल्कि कई शानदार फिल्मों का निर्देशन भी किया है …निर्देशक का सफर  फिल्म मेरे अपने से हुई

 निर्देशन में एक से बढ़कर एक फिल्में आई। जैसे कोशिश, अचानक, परिचय, खुशबू, आंधी, मौसम, किनारा, अंगूर, नमकीन, लेकिन, इजाजत, माचिस, हू-तू-त और मीरा…

गुलजार साहब को कई  नेशनल अवॉर्ड्स, साहित्य अकादमी अवॉर्ड , पद्म भूषण, के साथ साथ सिनेमा का सर्वोच्च दादा साहब फाल्के पुरस्कार भी मिल चुका है

जन्म दिन मुबारक हो गुलजार साहब