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हिंदी सिनेमा के बेहतरीन निर्देशकों में से एक थे शक्ति सामंत

एक ऐसा डायरेक्टर जिन्‍होंने राजेश खन्‍ना और शम्‍मी कपूर जैसे अभिनेताओं को सुपरस्‍टार बनाया. 13 जनवरी, 1926 में बंगाल के बर्द्धमान जिले के एक छोटे से गांव में जन्‍मा यह शख्‍स यूं तो खुद स्‍टार बनने की हसरत से ही मुंबई आया था, लेकिन तकदीर कुछ यूं रही कि वह दूसरों को स्‍टार बनाने वाले स्‍टार डायरेक्‍टर बन गया.अमर प्रेम, अराधना, कटी पतंग….राजेश खन्ना की ये तीनों फिल्में हिंदी सिनेमा की यागदगार फिल्मों में गिनी जाती हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि  इन फिल्मों की सफलता में सबसे बड़ा हाथ जिसका है, वो हैं डायरेक्टर शक्ति सामंत…शक्ति सामंत की गिनती बॉलीवुड के सबसे हिट निर्देशकों में की जाती है. अपने निर्देशन से बॉलीवुड में ऐसी पहचान बनाई कि उनकी गिनती ऋषिकेश मुखर्जी और बिमल रॉय जैसे निर्देशकों में हुआ करती है.1948 में उन्‍हें फिल्‍मों में पहला ब्रेक मिला,

शक्ति सामंत, अराधना, राजेश खन्ना

लेकिन बतौर एक्‍टर नहीं, बल्कि बतौर असिस्‍टेंट डायरेक्‍टर. सतीश निगम राज कपूर के साथ सुहाने दिन नाम की एक‍ फिल्‍म बना रहे थे. उन्‍होंने शक्ति सामंत को अपना असिस्‍टेंट रख लिया. बतौर स्‍वतंत्र डायरेक्‍टर सामंत की पहली फिल्‍म थी बहू, जो 1954 में बनी थी. फिल्‍म में ऊषा किरण, शशिकला, प्राण और करण देवन भूख्‍य भूमिकाओं में थे. फिल्‍म बॉक्‍स ऑफिस पर सफल रही. इसके बाद उन्‍होंने एक के बाद…हिट फिल्‍में बनाईं….1956 में  एक इंसपेक्‍टर , 1956 में ही शीरू , 1957 में  डिटेक्टिव  और  उसी साल हिल स्‍टेशन  जैसी यादगार फिल्‍में बनाईं, अपने करियर में  डायरेक्टर शक्ति सामंत  ने कई सितारों के साथ हिट फिल्में दीं, लेकिन उनकी सबसे सफल पार्टनरशिप शम्मी कपूर और राजेश खन्ना के साथ रही. राजेश खन्ना को करियर की पहली हिट फिल्म  अराधना देने वाले शक्ति सामंत ही थे.इस ट्रैजिक लव स्टोरी ने जहां राजेश खन्ना को स्टार बना दिया था, वहीं शर्मिला टैगोर और सावंत को इस फिल्म के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया.

अराधना के बाद वो फिर राजेश खन्ना को बतौर अपना लीड हीरो लेकर आए, फिल्म थी कटी पतंग. खूबसूरत गानों से सजी ये फिल्म भी एक लव स्टोरी थी. शक्ति सामंत ने आशा पारेख और राजेश खन्ना के बीच ऐसी जोड़ी बनाई की ये फिल्म उनके करियर की सबसे हिट फिल्मों में शुमार हो गई. शक्ति सामंत और राजेश खन्ना की पार्टनरशिप की एक मिसाल अमर प्रेम भी है. कहा जा सकता है कि राजेश खन्ना को स्टार की कुर्सी पर बिठाने में शक्ति सामंत कि फिल्मेों का ही योगदान था..राजेश खन्ना के बाद शक्ति सामंत ने शम्मी कपूर के साथ भी कई हिट फिल्में दी . ‘एन इवनिंग इन पेरिस’, ‘चाइना टाउन’ और सबसे यागदार ‘कश्मीर की कली’ थी..सामंत की फिल्मों की सबसे खास बात सिर्फ उनकी कहानी नहीं हुआ करती थे, उनकी फिल्मों में संगीत भी उतना ही जरूरी थी. ‘ये शाम मस्तानी’, ‘ये चांद सा रौशन चेहरा’, ‘आइए महरबान’, ‘चंदा है तू’, ‘एक अजनबी हसीना से’, ‘रूप तेरा मस्ताना’ और न जाने कितने गाने हैं, जिन्होंने सामंत की फिल्मों की खूबसूरती बढ़ाई है

हावड़ा ब्रिज की शूटिंग को लेकर एक किस्सा काफी मशहूर है कि उन्होंने इस फिल्म के लिए मधुबाला को एक रुपये में साइन किया था. इस फिल्म में वो अशोक कुमार और मधुबाला को लेना चाहते थे, लेकिन इतने पैसे नहीं थे कि बड़े एक्टर्स को लें. जब उन्होंने इस फिल्म की स्क्रिप्ट अशोक कुमार को सुनाई तो वो फट राजी हो गए और मधुबाला से बात करने की जिम्मेदारी भी खुद ली. मजेदार बात ये रही कि अशोक कुमार ने इस फिल्म के लिए मधुबाला को केवल एक रुपये में मनवा लिया.इसी फिल्म से उन्होंने बतौर प्रोड्यूसर अपने करियर की शुरुआत की थी और फिर आगे चलकर ‘कटी पतंग’, ‘एन इवनिंग इन पेरिस’, ‘कश्मीर की कली’, ‘अराधना’, ‘चाइना टाउन’, ‘इंस्पेक्टर’, ‘अमर प्रेम’, ‘हावड़ा ब्रिज’, ‘अनुराग’, ‘चरित्रहीन’ और ‘अलग-अलग’ शामिल हैं.शक्ति सामंत की फिल्‍मों की पूरी फेहरिस्‍त उठाकर देख लीजिए. हर फिल्‍म हिंदी सिनेमा की नायाब विरासत है. और सिर्फ फिल्‍में ही नहीं, बल्कि उन फिल्‍मों की संगीत भी नायाब है.

gulzar sahab हैप्पी बर्थडे सचिन