कविता कृष्णमूर्ति बेहतरीन गायकों में शुमार हैं…45 भाषाओं में गाए 50 हजार से ज्यादा गानों को अपनी आवाज दे चुकी हैं कविता कृष्णमूर्ति..कविता कृष्णमूर्ति का जन्म 25 जनवरी 1958 को दिल्ली में हुआ..कविता कृष्णमूर्ति का जन्म नई दिल्ली में एक तमिल परिवार में हुआ। उनके पिता टीएस कृष्णमूर्ति शिक्षा मंत्रालय में काम करते थे। कविता का बचपन का नाम शारदा था और उन्हें छोटी सी उम्र से ही संगीत से प्यार था। कविता कृष्णमूर्ति के इसी प्यार और मीठी आवाज को देख आंटी प्रतिमा भट्टाचार्य ने उन्हें रबींद्रनाथ संगीत में दाखिला दिलवा दिय
उन्होंने क्लासिकल सिंगर बलराम पुरी से हिंदुस्तानी क्लासिकल म्यूजिक की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। कविता कृष्णमूर्ति की आवाज का जादू दिखने लगा था। साठ के दशक में उन्होंने कई इंटर-मिनिस्ट्री लेवल के क्लासिकल म्यूजिक प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और खूब मेडल जीते। आठ साल की उम्र में ही कविता कृष्णमूर्ति ने एक म्यूजिक कॉम्प्टिशन में गोल्ड मेडल जीता था।
कविता कृष्णमूर्ति का असली नाम शारदा कृष्णमूर्ति है, हालांकि वह कविता के नाम से जानी जाती हैं।कविता ने महज 9 साल की उम्र में मशहूर गायिका लता मंगेशकर के साथ अपना पहला बांग्ला गाना गाया था। जिसके बाद वह एक गायिका बनने का सपना देखने लगीं
कविता ने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से पढ़ाई की है। उस दौरान वह कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती रहती थीं। तभी एक कार्यक्रम में मन्ना डे ने कविता का गाना सुना और उसके बाद उन्हें विज्ञापन में गाना गाने का मौका दिया।इसके बाद साल 1980 में कविता ने ‘मांग भरो सजना’ गाने से अपने करियर की शुरुआत की..हालांकि इस गाने को फिल्म से हटा दिया गया था। उसके बाद कविता ने साल 1985 में आई फिल्म प्यार झुकता नहीं में बतौर प्लेबैक सिंगर गाना गाया
उसके बाद अनिल कपूर और श्रीदेवी की फिल्म मिस्टर इंडिया में हवा हवाई और करते हैं हम प्यार मिस्टर इंडिया से, गाने गाए। दोनों ही गाने सुपरहिट रहे।इन दोनों गानों के बाद कविता के करियर में उछाल आया..सिंगर कविता कृष्णमूर्ति ने बेहतरीन गायकों और संगीतकारों के साथ काम किया है।कविता कृष्णमूर्ति को साल 2005 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था। इसके अलावा उन्होंने अपने करियर में चार फिल्मफेयर, बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर अवॉर्ड्स भी हासिल किए हैं
स्टारडस्ट मिलेनियम 2000 अवार्ड्स में ‘बेस्ट सिंगर ऑफ द मिलेनियम अवॉर्ड और बेहतरीन फिल्म देवदास के गाने डोला रे डोला के लिए जी सिने 2003 अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है कविता कृष्णमूर्ति की पर्सनल जिंदगी की बात की जाए तो उन्होंने साल 1999 में डॉ एल सुब्रमण्यम से शादी कर ली थी। कविता की कोई संतान नहीं है। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर बेंगलुरु में सुब्रमण्यम एकेडमी ऑफ परफोर्मिंग आर्ट्स नामक म्यूजिक संस्थान की शुरुआत की। हैप्पी बर्थ डे कविता कृष्णमूर्ति