वो सितारा जिसने बताया कि कामयाबी क्या होती है?
जिसने बताया कि स्टारडम किस बला का नाम है
इस अदाकार ने बताया कि आखिरकार शोहरत किसे कहते हैं
जी हां..इस अदाकर की चमक ऐसी.. कि उस दौर के सारे हीरो के साथ -साथ दर्शकों की आंखे चकाचौंध हो गई
इन सारे सवालों का एक ही जवाब था राजेश खन्ना…जिनका असली नाम था जतिन खन्ना
राजेश खन्ना जैसी शोहरत या कहे स्टारडम ना तो उससे पहले किसी हीरो ने देखी थी और ना ही उनके बाद
राजेश खन्ना ने 1965 में ऑल इंडिया टैलेंट कांटेस्ट जीता था..इस कांटेस्ट में 10 हजार से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था
राजेश खन्ना ने रोमांटिक अंदाज, बेहतरीन अदाकारी और जादुई मुस्कुराहट से दर्शकों के दिलों -दिमाग पर पूरी तरह से छा गए थे
राजेश कुमार का जादू कुछ यूं चला कि उन्हें हिन्दी फिल्मों के पहले सुपरस्टार का खिताब मिल गया
29 दिसंबर 1942 को राजेश खन्ना का जन्म अमृतसर में हुआ। यूं तो उनके बचपन का नाम जतिन खन्ना था लेकिन बॉलीवुड में राजेश खन्ना के नाम से धमाल मचाया
राजेश खन्ना का जन्म तो अमृतसर में हुआ पर ये बचपन में ही मुंबई आ गए थे.वजह थी कि इनके मुंबई में रहने वाले एक रिश्तेदार ने इन्हें गोद ले लिया था । लिहाजा इनकी परवरिश और पढ़ाई लिखाई मुंबई में ही हुई
खैैर …अब बात साल 1969 की करते हैं.. जब फिल्म अराधना रिलीज हुई और इसी के साथ जन्म हुआ हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार का
हालांकि राजेश खन्ना ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की थी फिल्म आखिरी खत से…लेकिन उन्हें पहचान मिली फिल्म राज से
1969-70 में राजेश खन्ना की दो फिल्मों ने हिंदी सिनेमा में धूम मचा दी…फिल्म थी अराधना और दो रास्ते..इन दोनों फिल्मों ने गोल्डेन जुबली बनाई..और फिर यहीं से शुरु हुआ उनके स्टारडम का सफर
अगले दो सालों में द ट्रेन , सच्चा-झूठा, सफर, कटी पतंग , आन मिलो सजना, हाथी मेरे साथी, और आनंद जैसी फिल्मों ने उन्हें बॉलीवुड का सबसे बड़ा सितारा बना दिया
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दुनिया राजेश खन्ना की दीवानी हो गई.,.कहते हैं कि लोग उनकी झलक पाने के लिए घंटों इंतजार करते रहते थे। लड़कियां उनकी गाड़ी को किस कर लिया करती थीं। और तो और उन्हें खून सले खत लिखती और उनकी फोटो से शादी भी कर लेती थी।1969 से 1972 के बीच लगातार 15 सुपरहिट फिल्में देकर राजेश खन्ना ने जो रिकॉर्ड बनाया था वो आज तक कायम है।
वाकई राजेश खन्ना का अंदाज बिल्कुल निराला था। वो जिस भी फिल्म को छू लेते थे वो सोना बन जाती था। और इसका एक और राज था शर्मिला टैगोर और मुमताज के साथ उकी कैमिस्ट्री
और इन सबके साथ गायक किशोर कुमार की आवाज..और फिल्म का गीत -संगीत
फिल्म इंडस्ट्री में राजेश को प्यार से काका कहा जाता था। जब वे सुपरस्टार थे तब एक कहावत बड़ी मशहूर थी- ऊपर आका और नीचे काका। { GFX OUt}
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और इसी स्टारडम के बीच राजेश खन्ना ने अपनी गर्ल फ्रेंड अंजू महेंद्रू और तमाम लड़कियों का दिल तोड़ते हुए मार्च 1973 में अपने से 15 साल छोटी डिंपल कपाड़िया से शादी कर ली..इसी समय डिंपल की पहली फिल्म बॉबी रिलीज होने थी
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राजेश खन्ना ने आगे चलकर दाग, आपकी कसम, नमक हराम, रोटी, प्रेमनगर, अजनबी, जैसी हिट फिल्मों की। यूं कहें कि इन फिल्मों से भी काका का जलवा कायम रहा। लेकिन इसी दौर में उनकी कुछ फिल्में फ्लॉप भी हुई।
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जमाना बदल रहा था। बॉलीवुड में अमिताभ की एंट्री हो गई थी। एक्शन फिल्मों का दौर शुरू हो गया था। जंजीर और शोले जैसी एक्शन फिल्मों की सफलता और अमिताभ बच्चन के उदय ने राजेश खन्ना की लहर को थाम सा लिया। लोग एक्शन फिल्में पसंद करने लगे थे जाहिर है इसका असर राजेश खन्ना की रोमांटिक फिल्मों पर भी पड़ा
नैट-
1975 के बाद काका के स्टारडम पर ग्रहण लगना शुरू हो गया था। 80 में कुछ फिल्मों में एक बार फिर राजेश खन्ना ने दर्शकों का दिल जीता। मसलन अमरदीप, थोड़ी सी बेवफाई, कुदरत , धनवान, अवतार, सौतन, अगर तुम ना होते , और अमृत जैसी फिल्मों से राजेश खन्ना फिर लोकप्रिय होने लगे।
नैट-
बाद के दिनों में राजीव गांधी के कहने पर राजेश राजनीति में आए। कांग्रेस की तरफ से चुनाव भी उन्होंने लड़े। जीते भी और हारे भी। लालकृष्ण आडवाणी को उन्होंने चुनाव में कड़ी टक्कर दी और शत्रुघ्न सिन्हा को हराया भी। बाद में उनका राजनीति से मोहभंग हो गया।
नैट-
1994 में उन्होंने एक बार फिर खुदाई फिल्म से परदे पर वापसी की कोशिश की। 1996 में उन्होंने सफ़ल फिल्म सौतेला भाई की। आ अब लौट चलें, क्या दिल ने कहा, प्यार ज़िन्दगी है, वफा जैसी फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया लेकिन इन फिल्मों को कोई खास सफलता नहीं मिली। कुल उन्होंने 1966-2013 में 117 फिल्म की ।
नैट-
कुल मिलाकर राजेश खन्ना ने अपने जमाने में जो लोकप्रियता हासिल की थी, उसे कोई नहीं छू सकता है…. 18 जुलाई 2012 को काका इस दुनिया को छोड़कर चले गए। लेकिन उनकी फ़िल्म और गानों से वो हमेशा हमारे दिल में जिन्दा रहेंगे।