70 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री को विनोद खन्ना के रूप में हैंडसम हीरो मिला। विनोद खन्ना अपने जमाने के वह अभिनेता थे, जो न केवल गुड लुक्स के लिए जाने जाते थे..कुर्बानी से लेकर अमर अकबर एंथनी तक, विनोद खन्ना ने 70-80 के दशक में कई ऐसी फिल्में दीं, जिनकी कहानी आज भी लोगों को पसंद आती है। एक लंबे अरसे के बाद 27 अप्रैल, 2017 को विनोद खन्ना का कैंसर से निधन हो गया। विनोद खन्ना यानी हिंदी सिनेमा के सबसे सेलिब्रेटेड एक्टर्स में से एक..विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 को पाकिस्तान में हुआ था… विनोद खन्ना ऐसे ऐवरग्रीन एक्टर थे जिन्होनें फिल्म इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी
विनोद खन्ना के गुड लुक्स और एक संयोग ने उनके लिए फिल्मों में आने की राह बनाई. मुंबई में एक पार्टी के दौरान सुनील दत्त से उनका मिलना हुआ. तब दत्त अपने छोटे भाई सोम दत्त को लेकर एक फिल्म प्लान कर रहे थे. इसमें दो हीरो थे. दूसरा वाला रोल उन्होंने विनोद को ऑफर किया. ऑफर तो लाइफ-चेंजिंग था लेकिन रास्ते में बड़ा वाला रोड़ा था जिसने करीब-करीब विनोद का फिल्म करियर शुरू होने से पहले ही खत्म कर दिया था. वो थे उनके पिता किशनचंद खन्ना.
बाद में विनोद की मां ने किशनचंद को राज़ी किया… विनोद ने भी कहा कि वे एक बार उन्हें अपने आपको आजमाने दें, अगर वे दो साल में फिल्म इंडस्ट्री में कुछ नहीं कर पाते हैं तो वो फैमिली बिजनेस संभाल लेंगे. फरवरी 1969 में मन का मीत’ रिलीज हुई और विनोद को पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा. इस फिल्म के रिलीज होने के एक हफ्ते के अंदर वे 15 अन्य फिल्में साइन कर चुके थे.
अमिताभ बच्चन के साथ विनोद खन्ना ने कई यादगार फिल्में कीं जैसे – 1976 में हेरा फेरी , 1977 में ख़ून पसीना ,1977 में ही आई अमर अकबर एंथनी और परवरिश …इसके अलावा 1978 में आई पिल्म मुकद्दर का सिकंदर इनमें से एक भी फिल्म ऐसी नहीं थी जिसमें अमिताभ विनोद से इक्कीस लगे हों
विनोद खन्ना जब अपने करियर के शीर्ष पर थे तब वे धार्मिक गुरु ओशो रजनीश के संपर्क में आये… जिसने उनकी ज़िंदगी की दिशा ही बदल दी. विनोद खन्ना ने शोहरत और दौलत की इस दुनिया को ठुकरा दिया और ओशो की शरण में चले गए. जल्द ही रजनीश से उनका मोह भंग हो गया और 5 सालों बाद वो अपनी दुनिया में लौट आये. बॉलीवुड ने भी अपने इस स्टार का स्वागत बड़ी गर्मजोशी से किया.
अध्यात्म से वापसी के बाद उन्होंने 1987 में मुकुल आनंद की फिल्म इन्साफ में काम किया. इस फिल्म में इनके साथ डिंपल कपाडिया नज़र आयीं. इसके बाद इन्हें कई रोमांटिक किरदार भी करने के मौके मिले, लेकिन अधिकतर समय इन्हें एक्शन थ्रीलर ही मिलते थे. रोमांटिक फिल्मो में इस दौरान इन्हें जुर्म और चांदनी फिल्म मिली
नब्बे के दशक के दौरान इन्हें मुक़द्दर का बादशाह, सीआईडी, रिहाई, लेकिन और हमशकल में देखा गया. साथ ही आखिरी अदालत, खून का क़र्ज़, महासंग्राम, पुलिस और मुजरिम, क्षत्रिय, इंसानियत के देवता, एक्का राजा रानी, इना मीका डीका जैसे फिल्मों में भी काम किया… साल 1997 में विनोद खन्ना ने अपने बेटे अक्षय खन्ना को हिमालय पुत्र में अपने साथ लॉन्च किया..सलमान खान के साथ फिल्म वांटेड, दबंग आदि फ़िल्मों में उन्होंने जानदार अभिनय किया…
विनोद खन्ना ने अपने जीवन में कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया है. बाद में उन्होंने राजनीति में कदम रखा..वे कई बार लोकसभा के सांसद भी रहे .विनोद खन्ना आज भले ही हमारे बीच नहीं लेकिन वह अपनी फिल्मों के जरिए फैंस के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे