लेजेंडरी एक्टर मिथुन चक्रवर्ती को इंडियन सिनेमा में उनके योगदान के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. एक्टर को ये अवॉर्ड 8 अक्टूबर 2024 को 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान प्रेजेंट किया जाएगा.
बॉलीवुड के प्रशंसको को मिथुन चक्रवर्ती का नाम सुनते ही दिमाग में सबसे पहले आने वाला शब्द होता है डिस्को डांसर. जी हां, अपने दौर में अभिनेता ने एक डिस्को डांसर के नाम से खुद की एक पहचान कायम की थी जिसका मुकाबला आज तक कोई नहीं कर पाया है.
जी हां ….इस देश में मिथुन दा से बड़ा डिस्को डांसर और कोई नहीं हुआ होगा .. जिसकी फिल्मों की गाने बच्चा बच्चा गाता है .. शादी ब्याहों में मिथुन चक्रवर्ती के स्टाइल का डांस होता है .. … और गली कूचों में मिथुन दा के गानों की धूम आज भी है … .. यू पी, बिहार और मध्य प्रदेश के कुछ शहरों में तो मिथुन की पुरानी फिल्में आज भी रिलीज़ की जाती हैं .. ये हैं जादू गौरंग चक्रवर्ती का जिनको हम मिथुन के नाम से जानते हैं
मिथुन चक्रवर्ती का असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। ..मिथुन दा ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म मृगया से की थी जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए पहला राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला. इसी के साथ साथ उन्होंने अग्निपथ. जल्लाद, थानेदार , कथा, स्वामी विवेकानंद जैसी फिल्मों के लिये कई नैशनल और पॉपलर अवॉर्डिस भी मिले … लेकिन उनकी असली खासियत थी बॉक्स ऑफिस सक्सेस …
मिथुन चक्रवर्ती का जन्म हैदराबाद में हुआ था। फिल्मों में आने से पहले वे नक्सली हुआ करते थे। वे मार्शल आर्टस में ब्लैक बेल्ट भी हैं, यही कारण है कि फिल्मों के एक्शन दृश्यों में वे अपना सर्वश्रेष्ठ दे पाते हैं।एक आम आदमी से सुपरस्टार बनने के इस सऱक में उन्होंने बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ा ..लेकि मजबूत इरादे और आंखों में सपने लिए मिथुन दा मुंबई पहुंचे और धीरे -धीरे सफलता की सीढि़यां चढने लगे
योगीता बाली के पति और मिमोह के पिता मिथुन का नाम आज इंडस्ट्री में बेहद इज्जत से लिया जाता है.. शायद उसकी वजह है कि मिथुन ने कभी दूसरे से नहीं अपने आप से मुकाबला किया ..हालाकि 80 के दशक में मिथन का श्री देवी के साथ बहुत सीरियस अफ़ेयर .. रहा यहां तक कि उन्होने सादी कर ली थी लेकिन आखिरकार वो अपने परिवार को लौट ही गये …
मिथुन चक्रवर्ती का नाम बॉलीवुड की उन नामी हस्तियों में शुमार है, जिनका इंडस्ट्री में न तो कोई फिल्मी बैकग्राउंड रहा और न ही कोई गॉडफादर, इसके बावजूद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी कड़ी मेहनत और लगन से जबरदस्त फैन फॉलोइंग खड़ी की है…400 से अधिक फिलमों के बाद उन्होने टेलीविजन पर भी शानदार पारी खेली…साथ ही निजी टेलीविजन चौनल पर डीआइडी नाम के रिएलिटी शो में ग्रांडमास्टर के रूप में अपना सिक्का जमाया
फिल्मी दुनिया के अलावा मिथुन दा ने राजनीति में भी पारी खेली..लेकिन मिथुन चक्रवर्ती की राजनीति का सफर देखें तो यह सफर मीठा कम कड़वा ज्यादा रहा है. 2011 में जब टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बंगाल की सत्ता संभाली तो उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती को राजनीति से जुड़ने का न्योता दिया, जो मिथुन ने उस वक्त सहर्ष स्वीकार किया. मिथुन चक्रवर्ती को तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा से सांसद भी बनाया, लेकिन 2016 के अंत में मिथुन चक्रवर्ती ने राज्यसभा के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया और राजनीति से संन्यास ले लिया. फिर 2022 में मिथुन दा ने बीजेपी ज्वाइन की..लेकिन यहां भी उनकी पारी ज्यादा चली नहीं।
मिथुन की जिन्दगी का मंत्र ही है चलते रहना .. रुकने का नहीं .. और आज भी उनकी फिलमों के रिलीज़ होने का सिलसिला जारी है .. मिथुन दा को दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिए जाने पर ढेर सारी बधाई…