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गीतकार साहिर लुधियानवी…

एक अज़ीम शायर…जिन्होंने लिखे मोहब्बत के कई अफ़साने…

तो क्रांति के सुर को भी अल्फाज दिए….

जिनके गीतों में दर्द का अहसास था…

तो ज़माने के लिए तल्ख़ियां भी…

वो बेमिसाल शायर और नायाब गीतकार थे साहिर लुधियानवी..जिन्होंने अपने गीतों से बॉलीवुड में एक अलग मुकाम हासिल किया था…

60 और 70 के दशक में साहिर लुधियानवी ने कई रोमांटिक और यादगार गीत लिखे.

इन जैसे ना जाने कितने ही गीत साहिर की कलम से निकले…और सुनने वालों की ज़ुबां पर छा गए….

साहिर ने फिल्म जगत को अपने शब्दों का दीवाना बना दिया…

लुधियाना में पैदा हुए साहिर काम की तलाश में लाहौर गए…

वर्ष 1943 में साहिर लुधियानवी लुधियाना से लाहौर आ गये. इसी साल साहिर लुधियानवी का पहला कविता संग्रह ‘तल्खियां’ प्रकाशित हुआ. ‘तल्खियां’ के बाजार में आते ही साहिर की चर्चा तेजी से होने लगी. वे प्रसिद्ध उर्दू पत्र ‘अदब-ए-लतीफ’ के सम्पादक बने. साहिर द्वैमासिक पत्रिका ‘सवेरा’ के भी सम्पादक बने. इस पत्रिका में साहिर की एक रचना के कारण पाकिस्तान सरकार ने उनके खिलाफ वारंट भी जारी कर दिया…उनके क्रांतिकारी विचारों को लाहौर बर्दाश्त नहीं कर सका..जिसके बाद मुंबई साहिर का नया ठिकाना बना…और फ़िल्म इंडस्ट्री उनकी नई पहचान…

वर्ष 1949 में साहिर लुधियानवी लाहौर छोड़कर दिल्ली आ गए. दिल्ली से वे मुंबई गए. मुंबई में साहिर लुधियानवी ने कई उर्दू पत्रिकाओं में काम किया. साहिर लुधियानवी को पहला फिल्मी ब्रेक 1949 में ही ‘आजादी की राह पर’ फिल्म में मिला. लेकिन फिल्मी दुनिया में उन्हें पहचान फिल्म ‘नौजवान’ से मिली थी..और उसके बाद जो सिलसिला चला वो 1980 तक लगातार चलता रहा

ए आर कारदार की फ़िल्म नौजवान.. साहिर लुधियानवी का लांच पैड बना.. फिल्म के इस गाने को साहिर ने इस शिद्दत से लिखा कि सिने प्रेमियों की जुबान पर साहिर के अल्फाज छा गए…

हर नए गीत के साथ साहिर की शोहरत बढ़ती चली गई…

ये वो दौर था.. जब उनकी जोड़ी बनी संगीतकार ओ पी नैयर के साथ… और साहिर-नैयर की जोड़ी ने गीत को नए दौर में पहुंचा दिया।

नया दौर फिल्म हिट रही.. और हिट रहे इसके गाने.. कुछ लोग आज भी मानते हैं कि साहिर ने हिंदुस्तान को मोहब्बत करना सिखाया.. कभी साथ मांगा तो कभी अजनबीयत मांग कर हैरान कर दिया।

वक्त गुजरता गया.. साहिर के गीतों के कलेवर और तेवर में नए रंग भरते गए..

साहिर ने अपने गीतों से कभी हंसाया… कभी रुलाया.. तो कभी धिक्कारा भी…लेकिन उनका हर अंदाज़ सुनने वालों के दिलों में बस गया…

साहिर का ये अक्खड़पन कई संगीतकारों को नागवार गुजरता था… लेकिन तब तक साहिर हर संगीतकार की मजबूरी बन चुके थे…

लेकिन वक्त ने एक शायर को इतना रूखा और जिद्दी बना दिया कि ओ पी नय्यर और एस डी बर्मन समेत कई जाने-माने म्यूजिक डायरेक्टर्स ने उनके साथ काम करने से मना कर दिया…लेकिन साहिर को भरोसा था ख़ुद पर और अपनी कलम पर… और इसमें साहिर को साथ मिला एन दत्ता, रोशन और ख़य्याम जैसे उभरते संगीतकारों का… धूल का फूल, बरसात की रात, फिर सुबह होगी जैसी फिल्में एक के बाद एक हिट होती चली गईं…

गुलजार भी साहिर साहब को याद करते हुए बताते हैं कि साहिर साहब की जिद्दीपन ही था कि विविध भारती पर गीतकार और शायरों का नाम आने लगा

संगीतकार मदन मोहन और साहिर की जोड़ी ने भी बॉलीवुड को बेहतरीन गीत दिए…

एक जोड़ी के रूप में दोनों ने वैसे तो बहुत कम फ़िल्में कीं लेकिन जो भी फिल्में की.. वो अलग हटकर थीं..

जब पूरी दुनिया ताजमहल की ख़ूबसूरती की कसीदें पढ़ रही थी…तब साहिर पर कम्युनिस्ट विचारधारा इतनी हावी थी कि उन्होंने मोहब्बत के इस प्रतीक को ही उलट दिया..और लिखा कि -.

ये चमन-ज़ार ये जमुना का किनारा ये महल
ये मुनक़्क़श दर ओ दीवार ये मेहराब ये ताक़
इक शहंशाह ने दौलत का सहारा ले कर
हम ग़रीबों की मोहब्बत का उड़ाया है मज़ाक़
मेरी महबूब कहीं और मिला कर मुझ से

खुद प्यार की तलाश में भटकता रहा, ताउम्र प्यार के गीत लिखने वाला ये शायर…कहते हैं कि पढ़ाई के दौरान ही साहिर लुधियानवी शायरी करते थे और अमृता प्रीतम भी इनकी शायरी की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं. धीरे-धीरे दोनों में प्रेम हो गया. लेकिन अमृता प्रीतम के घरवालों को साहिर के साथ उनकी नजदीकियां पसंद नहीं आईं. क्योंकि, अमृता एक रईस परिवार से ताल्लुक रखती थीं और साहिर मुस्लिम होने के साथ-साथ गरीब परिवार से थे…

कहा जाता है कि साहिर लुधियानवी की जिंदगी में चार महिलाएं आईं, अमृता प्रीतम, सुधा मलहोत्रा, महेन्द्र कौर और ईश्वर कौर. पर किसी के साथ उनका प्रेम-प्रसंग अन्जाम तक नहीं पहुंचा. हमेशा प्यार के गीत लिखने वाला कालजयी शायर हमेशा प्यार के लिए भटकता रहा

साहिर लुधियानवी ने ‘बाजी’, ‘प्यासा’, ‘फिर सुबह होगी’, ‘कभी कभी’ जैसी हिट फिल्मों के लिये गीत लिखे. 25 अक्टूबर, 1980 को दिल का दौरा पड़ने से साहिर लुधियानवी का निधन हो गया.

gulzar sahab हैप्पी बर्थडे सचिन